Friday, November 25, 2011

तमाचे का दर्शन

तमाचे का दर्शन 
अशोक बंसल
माचे की गूंज गोली की गूंज  से ज्यादा  व्यापक होती है वशर्ते तमाचे का कद शरद पवार जेसा हो. शरद पर  जड़े तमाचे से हर कोई हक्का बक्का है. अनशन किंग अन्ना को छोड़कर सभी ने तमाचे की निंदा की है. अखबारों में सम्पादकीय लेख लिखे जा रहे   है,स्तम्भ लेखक अपने ताजे लेख व् टिप्पड़ियों में तमाचे को विषय बना रहे है. टी वी वाले अपनी त्वरित टिप्पड़ी में राजनेताओं,बुध्दिजीवियो और समाजसेवियो को स्टूडियो बुलाकर तमाचे का मकसद बढ़िया बताकर तमाचे की निंदा कर रहे हैं. तमाचे कोंग्रेस पर नहीं उनके सहयोगी दल पर पड़ा है. सो देशभर के कोंग्रेसी चुप्पी साधे बेठे  है.बसबड़े नेता अपने भूतपूर्व साथी के अपमान पर हमदर्दी जाता रहे हैं. अन्ना उस्ताद है.कभी गाँधी के पक्के चेले नजर आते हैं तो कभी भगतसिंह की तरह बगल में तमंचा लटका कर क्रांति का बिगुल फूंक देते हैसुबह  भाजपाई नजर आते है तो शाम को प्रणव दादा की तारीफ में कसीदे पढ़  देते हैं.  शरद  से उनकी पुरानी खुंदक है. तमाचे की खबर सुन उन्हें रात को अच्छी नींद आई.
भाजपा नेता यशवंत को तमाचे के लिए दोषी  माना जा रहा है. सार्वनिक तौर पर यशवंत सफाई दे रहे है लेकिन मन ही मन वे मुस्करा रहे हैं.उन्हें अपने बयान में छुपी ताकत  का अहसास हुआ है. वक्त आने पर वह कनाट प्लेस को तहरीर चौक बना सकते है.
तमाचे की गूंज शिक्षण संस्थाओं में भी है. ''महगाई रोकने के लिए तमाचे आवश्यक है "विषय पर वादविवाद और तमाचे का दर्शन विषय पर निवंध प्रतियोगतायें आयोजित की जा रही हैछात्र नेट पर मेटर तलाश रहे हैभगत सिंह के लेख "बम्ब का दर्शन "की खोज हो रही हैमाकपा नेता एक बार फिर खुश है. "भगतसिंह आज भी प्रासंगिक हैं"की वे गुहार लगा रहे हैं.
खून का घूंट यदि किसी ने पीया है तो वह है शरद पवार .उसने अपने पठ्ठों से कह दिया है कि अभी अगले चुनाव में दो वर्ष बाकी हैइस बीच महगाई  गुना   कर दी तो  मेरा नाम शरद पवार नहीं.
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अशोक बंसल,१७ बलदेव पूरी एक्सटेंशन ,मथुरा ,मो.९८३७३१९९६९