व्यंग
बाबा का आशीर्वाद
अशोक बंसल
पुलिस चौकी में हुजूम था तमाशबीनों का . दरोगा ने जमीन पर पड़े नौजवान चोर को को पीट पीट कर सुजा दिया था ."बता कौन कौन है तेरे साथ ". नौजवान चिल्ला चिल्लाकर गुजारिश कर रहा था पिटाई बंद करने की ताकि वह थोड़ी दम ले और फिर बताये कि वह कैसे पकड़ा गया. नौजवान की यह पहली चोरी नहीं थी .इससे पहले भी वह गली-मोहल्लों ,हाट बाजार और बस-रेल में छोटे -बड़े मॉल पर हाथ साफ करता रहा था .पुलिस के हत्थे वह पहली बार चढ़ा है .
दरोगा ने सिपाही को हुक्म दिया कि चोर को पानी पिलाकर उसके आफिस में लाये . कराहते हुए नौजवान ने 'हुजूर, बाबा ने मरवा दिया ' कहा तो दरोगा के कान खड़े हो गए . "कैसे ,कौन बाबा " दरोगा ने पूछा . इस पर नौजवान बोला "मैंने टी वी पर देखकर निर्मल बाबा के समागम की दो हज़ार की पर्ची कटवाई थी .प्रोग्राम में बाबा से मैंने ईमानदारी से अपने चोर होने की बात कबूल की .इस पर बाबा ने मुझे सीख देते मन लगाकरऔर डूब कर काम करने , कभी भी पीछे मुड़कर न देखने का आशीर्वाद दिया .मैंने निर्मल बाबा की सलाह मानी .और धर लिया गया . पहले मैं चोक्न्ना रहता था. किसी के माल पर हाथ साफ करने से बाद मुड मुड कर देख लेता था कि पुलिस तो नहीं आ रही है ,कभी नहीं पकड़ा गया .बाबा की पीछे मुड़कर न देखने की सलाह पर अमल करना भारी साबित हुआ . न मानता सलाह और न ही पकड़ा जाता ."
दरोगा नौजवान से हमदर्दी दिखाए उससे पहले दो महिलाओं को रोते -बिलखते पुलिस चौकी में प्रवेश करते देख दरोगा चौंका .दरयाफ्त करने पर मालूम पडा कि यह केस भी निर्मल बाबा के आशीर्वाद का था .दोनों के कन्धों पर बड़े बड़े काले पर्स लटक रहे थे .महिलाओं ने बताया कि समागम में निर्मल बाबा ने पर्स खोल कर चलने की सलाह दी थी ताकि बरकत आये . बरकत तो गयी तेल लेने ,पूरे महीने की सेलरी पर न जाने कौन हाथ साफ कर गया .
दरोगा को निर्मल बाबा पर गुस्सा आया .उसने बाबा का खिलाफ केस दर्ज करने का मन बनाया .उसने एसपी साहब को विशवास में लेने की सोची .बंगले पर पहुंचा तो दरोगा को बताया गया कि साहब मेमसाहब के साथ निर्मल बाबा के समागम में गए हैं .
--------अशोक बंसल ,१७ बल्देब पुरी एक्सटेंसन ,मथुरा ----म९८३७३१९९६९
बाबा का आशीर्वाद
अशोक बंसल
पुलिस चौकी में हुजूम था तमाशबीनों का . दरोगा ने जमीन पर पड़े नौजवान चोर को को पीट पीट कर सुजा दिया था ."बता कौन कौन है तेरे साथ ". नौजवान चिल्ला चिल्लाकर गुजारिश कर रहा था पिटाई बंद करने की ताकि वह थोड़ी दम ले और फिर बताये कि वह कैसे पकड़ा गया. नौजवान की यह पहली चोरी नहीं थी .इससे पहले भी वह गली-मोहल्लों ,हाट बाजार और बस-रेल में छोटे -बड़े मॉल पर हाथ साफ करता रहा था .पुलिस के हत्थे वह पहली बार चढ़ा है .
दरोगा ने सिपाही को हुक्म दिया कि चोर को पानी पिलाकर उसके आफिस में लाये . कराहते हुए नौजवान ने 'हुजूर, बाबा ने मरवा दिया ' कहा तो दरोगा के कान खड़े हो गए . "कैसे ,कौन बाबा " दरोगा ने पूछा . इस पर नौजवान बोला "मैंने टी वी पर देखकर निर्मल बाबा के समागम की दो हज़ार की पर्ची कटवाई थी .प्रोग्राम में बाबा से मैंने ईमानदारी से अपने चोर होने की बात कबूल की .इस पर बाबा ने मुझे सीख देते मन लगाकरऔर डूब कर काम करने , कभी भी पीछे मुड़कर न देखने का आशीर्वाद दिया .मैंने निर्मल बाबा की सलाह मानी .और धर लिया गया . पहले मैं चोक्न्ना रहता था. किसी के माल पर हाथ साफ करने से बाद मुड मुड कर देख लेता था कि पुलिस तो नहीं आ रही है ,कभी नहीं पकड़ा गया .बाबा की पीछे मुड़कर न देखने की सलाह पर अमल करना भारी साबित हुआ . न मानता सलाह और न ही पकड़ा जाता ."
दरोगा नौजवान से हमदर्दी दिखाए उससे पहले दो महिलाओं को रोते -बिलखते पुलिस चौकी में प्रवेश करते देख दरोगा चौंका .दरयाफ्त करने पर मालूम पडा कि यह केस भी निर्मल बाबा के आशीर्वाद का था .दोनों के कन्धों पर बड़े बड़े काले पर्स लटक रहे थे .महिलाओं ने बताया कि समागम में निर्मल बाबा ने पर्स खोल कर चलने की सलाह दी थी ताकि बरकत आये . बरकत तो गयी तेल लेने ,पूरे महीने की सेलरी पर न जाने कौन हाथ साफ कर गया .
दरोगा को निर्मल बाबा पर गुस्सा आया .उसने बाबा का खिलाफ केस दर्ज करने का मन बनाया .उसने एसपी साहब को विशवास में लेने की सोची .बंगले पर पहुंचा तो दरोगा को बताया गया कि साहब मेमसाहब के साथ निर्मल बाबा के समागम में गए हैं .
--------अशोक बंसल ,१७ बल्देब पुरी एक्सटेंसन ,मथुरा ----म९८३७३१९९६९