Thursday, July 21, 2011

मेलबर्न आजकल ---२

गोरे काले का भेद तो है
 साफ सुथरी हवा,पानी,मौज मस्ती के बेहिसाब साधन घुमने  फिरने की बेहिसाब जगह, प्रदुषण नाम की चीज नहीं,मिलावट और भ्रटाचार का नामोनिशान नहीं ,मंत्री और अफसरों की बेईमानी के किस्से  नहीं.यह सब मेलबर्न की धरती पर दिखाई दे रहा है --हर क्षण .लेकिन एक जहर ऐसा है जो घुला हुआ है इस शानदार धरती की गोरी चमड़ी में .रंगभेद नाम का यह जहर मेरे अंदर दहशत पैदा कर चुका है. सन २००९ में ऐसा नहीं था जब में दिसम्बर माह में मेलबर्न की सड़कों पर बेखोफ -बेझिझक  पैदल या ट्राम में घूमता था. पिछले साल इन्ही सडकों पर घटी नस्ली घटनायों ने सोचने पर मजबूर किया है की  रहने के लिए दुनिया के  शानदार शहरों में शुमार ही नहीं बल्कि अब्बल आने वाले मेलबर्न शहर में यूरोप की तरह रंगभेद के गुबार क्यों  उठने लगे हैं ?क्या यह बात सही है?
मेरा उत्तर हाँ है और इसी कारण में अपने १ माह के मेलबर्न प्रवास में समुचित सावधानी बरत रहा हूँ .
गोरों के अंदर मौजूद चमड़ी भेद मुझ जेसे इंसान में ही नहीं यहाँ की सरकार और अन्य स्वतन्त्र संस्थायों को भी चितित किये है. मेलबर्न रेडिओ  स्टेशन जिसे एस बी एस के नाम से जाना जाता है ने एक सर्वे कराया है की यहाँ वास्तव में रंगभेद   है या नहीं? आस्ट्रेलियन नेशनल यूनिवेर्सिटी भी इस विषय पर काम कर रही है.  यही पर मिली एक जानकारी के मुताविक एक गोरे छात्र को १० स्थानों पर आवेदन करने पर नोकरी मिल जाती है जब की एशियन को नोकरी के लिए १६ स्थानों पर आवेदन करना पड़ता है.
पिछले साल भारतीय समुदाय के लोगों के साथ यहाँ जो कुछ हुआ हम सब चिंतित हुए, यहाँ की सरकार भी. सरकार द्वारा की गयी सक्ती के बाद
यहाँ बसे भारतियों में फिर से खुली हवा में सांस लेने की हिम्मत जगी है. पॉइंट कुक जहां मुझे १ मiह रहना है ,में कई  भारतीय मिले जो यहाँ की नागरिकता के लिए आवेदन करने की सोच रहे हैं.मेरे जेसे उम्रदराज के लिए यहाँ बसने का सोच मन को नहीं भाता पर जिंदगी की शुरुआत करने वाले नोजवान के लिए यहाँ बसने का विचार बुरा नहीं.
और रही बात रंगभेद और फिर फिर होने वाले नस्ली हमलो की, इन्हे पूरी तरह समात करना किसी सरकार के बूते की बात नहीं. इतिहास  बताता है सन १७७८ में यूरोपियनओं  ने आस्ट्रेलिया की धरती पर कदम रखा ,तब से वे इस रंगभेद  की बुराई से ग्रसित है.
हम भारतियों को यहाँ से पलायन करके नहीं बल्कि यहाँ जमे रहकर रंगभेद के खिलाफ  वातावरन बनाना होगा तभी हम  अपने देश का नाम रोशन कर सकते हैं. ..

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